आपको याद है कि कुछ दिन पहले भारत के टीवी चैनल्स पर पीओके का मंज़र दिखाया गया था...जिसमें वहां के स्थानीय लोग आज़ादी के लिए आंदोलन कर रहे थे...टीवी चैनल्स ने पाकिस्तानी फौज की ओर लोगों पर हो रही क्रूरता को भी दिखाया था..कि कैसे पाकिस्तानी फौज वहां के लोगों को जबरन आतंकी बनने के लिए मजबूर करती है....ये सब तब टेलीकास्ट हो रहा था..जब नवाज़ शरीफ संयुक्त राष्ट्र में कश्मीरी अलगाववादियों के अधिकारों की बातकर रहे थे...और भारत सरकार पर उनके अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने का इल्ज़ाम लगा रहे थे...इस वीडियो से जहां भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था...और दुनिया को उसके दोगले चेहरे की तस्वीर भी दिखाई थी.....लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही कश्मीर में हालात बिल्कुल बदल गए....कश्मीर में सड़कों पर प्रदर्शन होने लगा....विरोध में नारे लगने लगे...माहौल गरमा गया.....जिसका केंद्र बीफ बन गया...और सारा विरोध इसी के आगे पीछे घूमने लगा..बीफ को कश्मीरी मुसलमानों के हक के साथ जोड़ दिया गया....घाटी जलने लगी...विधानसभा में भी हंगामा हुआ ..तो बाज़ार भी बंद हो गए.दुनिया कश्मीर पर बात करने लगी.....ये सब अचानक से नहीं हुआ.....इसके पीछे कहीं ना कहीं पाकिस्तान का हाथ होने का शक है.....सेना के एक पूर्व अफसर ने भी इस ओर से ध्यान दिलाया है...उनके मुताबिक आए दिन हो रही आतंकी घुसपैठ, हिंदु मुसलमान को तोड़ने की कोशिश, विधानसभा में जारी हो-हल्ला, पाकिस्तान की चाल है..इन सभी मुद्दों को जोड़कर देखने की ज़रूरत है...पाकिस्तान का मकसद घाटी की आबो-हवा को आतंकित करना है...पाक घाटी के लोगों में अविश्वास पैदा करना चाहता है...पाकिस्तान तो मौकापरस्त है वो चाहता है कि वैश्विक स्तर पर कश्मीर को लेकर भारत पर सवाल उठें...और उसे संयुक्त राष्ट्र में अपनी बात को बल देकर कहने का मौका मिले...ऐसे में ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि ऐसे नापाक पड़ोसी से सतर्क रहा जाए...वहीं मुफ्ती-मोदी सरकार को भी प्रशासन व्यवस्था पर ध्यान देने की ज़रूरत है.क्योंकी विधानसभा में उनके नेताओं की भी उग्रता सामने आ रही है....जिसने माहौल को और बिगाड़ने का ही काम किया है...इसलिए ज़रूरी है कि पाकिस्तान की इन बारीक चालों को समझा जाए...और उसी के मुताबिक सयंम से काम लिया जाए...
बिलकुल सही कहा आपने. देखिये जितना हमे दीखता है बात उतनी ही नहीं होती. बाते उससे कहीं ज्यादा गहरी होती हैं. जिस तरह पाकिस्तान कश्मीर में काम कर रहा है उसी तरह भारत को भी बलोचिस्तान और सिंध में करना पड़ेगा. वैसे भी पाकिस्तान की हुकूमत दो रस्ते चलती हैं. एक तरफ राजतन्त्र दूसरी तरफ सेना .राजतन्त्र कश्मीर मुद्दों को भड़का कर वोट ले कर सर्कार बनती हैं. फिर आतंकवाद केनाम पर अमरीका, यूनाइटेड किंगडम से भीख मांगती हैं. फिर उसी पैसे से आपनी जेबें भारती हैं. आज जितना पैसा पाकिस्तान को चाइना, अमेरिका, UK आदि देशों से मिलते है उतने में देश 0 GDP पे भी चल जायेगा. पाकी लोगो ने बस एक बार कोशिश की और भुट्टो को चुना लेकिन आतंकी ताकतें इतनी मजबूत हैं की उन्हें भी रस्ते से हटा दिया गया. एक बात याद रखें की पाकिस्तान की नीव ही गलत पड़ी, अब जब नीव ही गलत है तो आगे का मंजर भी खौफनाक ही होगा. अब भारतीय विचारकों को नया रास्ता चुनना होगा इस समस्या से लड़ने के लिए.
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