बस! और टुकड़े नहीं!

मीडिया में सुनने पर आश्चर्य होता है जब कहा जाता है कि "दलित कन्या" के साथ हुआ बलात्कार! कन्या तो कन्या है चाहे वो दलित वर्ग की हो या स्वर्ण।अत्याचारी ने अत्याचार, "कन्या" के साथ किया है जात -वर्ग के साथ नहीं।अतः अत्याचार के मुद्दे पर बाँटना बंद करें। बेटियां सबकी समान होतीं हैं।आप का क्या कहना है???

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