अफगानिस्तान के हिंदकुश में आए भूकंप ने पाकिस्तान से लेकर पूरे उत्तर भारत को हिला कर रख दिया..अफगानिस्तान में तो तबाही मची ही, पाकिस्तान में भी 100 से ज़्यादा घरों के दिए बुझ गए....लेकिन इन सबके बीच ये भयानक भूकंप एक तबके के लिए दिवाली ले आया...कई लोगों को भले ही भूकंप से नुकसान हुआ हो..लेकिन इस तबके का तो फायदा ही हुआ..भूकंप तो इनके लिए जैसे सुनहरा मौका लेकर आ गया हो.. .ये तबका है अपराधियों का, लुटेरों का जिन्होंने भूकंप से तितर-बितर हुई व्यवस्था का पूरा लाभ ले लिया..भूकंप से बचने के लिए ग्रेटर नोएडा के सिंडिकेट बैंक कर्मी जब बाहर की ओर भागे..तो लुटेरों को मौका हाथ लग गया..और बैंक से 20 लाख रु. लेकर भाग गए...वैसे भूकंप आने पर अपराधियों, लुटेरों का फायदा होना कोई नई बात नहीं है..ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आईं हैं.. जब चिली में भयंकर भूकंप आया था तो अफरा-तफरी का फायदा उठाकर स्थानीय जेल से 300 महिला कैदी फरार हो गईं थीं. वहीं नेपाल में भी भूकंप के दौरान अपराधियों की लॉट्री लग गई..उस वक्त कई खूंखार अपराधी जेल की दीवार में आई दरार का फायदा उठाकर भाग गए..जिनमें कुछ खूंखार अपराधी भी शामिल थे..इसके अलावा नेपाल में भूकंप के दौरान महिला और बच्चों के तस्करों का धंधा भी खूब फला-फूला..कई बच्चों और महिलाओं का अपहरण हो गया. चोरों ने भी जमकर हाथ साफ किया, उधर हैती के विनाशकारी भूकंप में जेलों से भागने वाले कैदियों का आंकड़ा चौकाने वाला है..यहां करीब 4 हज़ार कैदी भूकंप के दौरान भाग गए...जिसपर खुद यूएनओ ने चिंता ज़ाहिर की थी.प्राकृतिक आपदाओं के वक्त अफरा-तफरी मचना तो आम है..लेकिन उस वक्त असमाजिक तत्वों का सक्रिय हो जाना चिंता का विषय है... इस स्थिति से कैसे निपटा जाए..? क्या उपाय किए जाएं..?.कि जानें भी बच जाएं...और व्यवस्था भी ना चरमराए...इस तरह की घटनाएं विषम परिस्थितियों में भी सजगता की मांग करती हैं सरकारों और प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की ज़रूरत है
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